आचार्य दीपक घोष

आचार्य दीपक एक प्रतिष्ठित लेखक, समाज सुधारक एवं वैदिक विद्वान हैं। वे सनातन धर्म, वेद, उपनिषद और गीता के गहन अध्ययन एवं अनुसंधान के माध्यम से धर्म, संस्कृति और समाज को जागरूक बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी लेखनी तार्किक, वैज्ञानिक और शास्त्र आधारित होती है, जो प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करती है। उनके लेख एवं पुस्तकें समाज में नैतिकता, धर्म और मूल्यों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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सनातन धर्म में सबसे प्रभावी साधना कौन सी है?

सनातन धर्म अत्यंत व्यापक और गूढ़ दर्शन से युक्त है, जिसमें साधना के अनेक मार्ग उपलब्ध हैं। हर व्यक्ति अपनी प्रवृत्ति, संस्कार, और जीवन-परिस्थितियों के अनुसार साधना का चयन करता

निष्काम कर्म योग और संन्यास योग: गीता के अनुसार कौन अधिक श्रेष्ठ?

भगवद गीता सनातन धर्म के महानतम ग्रंथों में से एक है, जिसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन, कर्म और धर्म का गूढ़ ज्ञान प्रदान किया है। गीता में विभिन्न प्रकार

Ashtang Yog Vs Mordern Yoga

योग, एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अद्वितीय प्रणाली प्रदान करती है। योग का मूल उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार और मन की चंचलता को समाप्त

वेद7 months ago

सृष्टि की उत्पत्ति का रहस्य प्राचीन काल से ही मानव जिज्ञासा का विषय रहा है। आधुनिक विज्ञान इसे बिग बैंग थ्योरी से समझाने का प्रयास करता है, जबकि विभिन्न संप्रदाय

अर्जुन और सुभद्रा के विवाह पर उठी शंकाओं का तर्कसंगत समाधान

भारतीय संस्कृति और विवाह परंपरा की गहराई भारत (आर्यावर्त) की संस्कृति और परंपरा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक मानी जाती है। यह आर्य संस्कृति और वेदों के

गृहस्थ आश्रम आदर्श वैवाहिक जीवन

सनातन धर्म में मानव जीवन को चार आश्रमों में विभाजित किया गया है – ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। इनमें से गृहस्थ आश्रम सबसे महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यही

नैतिक शिक्षा: समाज और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला

आज का युग भौतिक प्रगति और तकनीकी विकास की नई ऊँचाइयों को छू रहा है, लेकिन इसके साथ नैतिक मूल्यों का पतन भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

यज्ञ भारतीय संस्कृति और वेदों का एक महत्वपूर्ण अंग है। प्राचीन काल से ही यज्ञ को आध्यात्मिक उन्नति, पर्यावरण शुद्धि और स्वास्थ्य लाभ का साधन माना गया है। आधुनिक वैज्ञानिक

दुःखों से मुक्ति का वैदिक मार्ग: शास्त्रों से समाधान

दु:ख और सुख जीवन के दो पहलू हैं, लेकिन दु:खों का अनुभव अधिक गहरा और पीड़ादायक होता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी प्रकार के दु:ख का

वैदिक शिक्षा प्रणाली प्राचीन गुरुकुल बनाम आधुनिक शिक्षा

शिक्षा मनुष्य के विकास का आधार है। यह केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के चारित्रिक, नैतिक, और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक होती है। शिक्षा केवल

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