सूर्य से नेतृत्व की सीख: स्थिरता और ऊर्जा का महान स्रोत
ऋग्वेद में सूर्य को ब्रह्मांड का नेत्र कहा गया है – जो प्राणदायक भी है और अंधकार का संहारक भी। सूर्य केवल एक खगोलीय पिंड नहीं है, बल्कि यह जीवन, प्रकाश, ऊर्जा, अनुशासन, समयबद्धता और नेतृत्व का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में सूर्य को ‘संपूर्ण जीवन-चक्र का स्रोत’ माना गया है। इस ब्लॉग में हम … Read more