योग, एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अद्वितीय प्रणाली प्रदान करती है। योग का मूल उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार और मन की चंचलता को समाप्त करना है। हालाँकि, वर्तमान समय में योग का स्वरूप बदल चुका है और इसे मुख्यतः शारीरिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और मानसिक शांति प्राप्त करने का माध्यम माना जा रहा है।
महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) योग का सबसे व्यवस्थित और पूर्ण स्वरूप है। इसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि जैसे आठ अंग शामिल हैं, जो संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके विपरीत, आधुनिक Yoga मुख्य रूप से योगासन (Physical Postures) और प्राणायाम (Breathing Techniques) पर आधारित है और इसका उद्देश्य तनाव प्रबंधन, वजन घटाना, मानसिक शांति और लचीलेपन को बढ़ाना होता है।
इस लेख में हम अष्टांग योग और आधुनिक Yoga की विस्तृत तुलना करेंगे, यह समझने का प्रयास करेंगे कि कौन-सा योग किस उद्देश्य के लिए अधिक उपयुक्त है और क्यों हमें योग का मूल स्वरूप अपनाना चाहिए।
📜 योग सूत्र (2.29) में महर्षि पतंजलि लिखते हैं:
“यम नियमासन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधयोऽष्टावङ्गानि।”
अर्थ: योग के आठ अंग हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
✔ अष्टांग योग एक व्यापक और संपूर्ण जीवनशैली है, जो व्यक्ति को नैतिकता, अनुशासन, मानसिक स्थिरता, आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।
✔ यह केवल शरीर को स्वस्थ बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करने पर केंद्रित है।
✔ यह योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को संतुलित करता है।
✔ आधुनिक समय में योग का स्वरूप बदल चुका है और यह मुख्य रूप से फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और योग थेरेपी (Yoga Therapy) के रूप में प्रचलित हो गया है।
✔ वर्तमान योग प्रथाएँ मुख्यतः शारीरिक व्यायाम (Physical Fitness), सांस नियंत्रण (Breathing Techniques), और ध्यान (Meditation) पर केंद्रित होती हैं।
✔ यह प्राचीन योग के आध्यात्मिक और नैतिक पक्ष को कम महत्व देता है और इसे एक फिटनेस टूल के रूप में प्रचारित किया जाता है।
✔ अधिकांश आधुनिक योग शिक्षक केवल आसन और प्राणायाम पर ध्यान केंद्रित करते हैं और धार्मिक व नैतिक मूल्यों को उपेक्षा करते हैं।
विशेषताएँ | अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) | आधुनिक योग (Modern Yoga) |
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परिभाषा | योग का मूल रूप, जिसमें आत्म-साक्षात्कार, मोक्ष और संपूर्ण जीवन संतुलन पर बल दिया गया है। | मुख्य रूप से शारीरिक फिटनेस, तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने पर केंद्रित योग। |
उद्देश्य | आध्यात्मिक उन्नति, आत्म-ज्ञान, मानसिक शांति और मोक्ष प्राप्ति। | शरीर को स्वस्थ और लचीला बनाना, वजन घटाना, और मानसिक शांति पाना। |
अवयव | यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। | मुख्य रूप से आसन, प्राणायाम और ध्यान। |
नैतिक अनुशासन | नैतिकता, सत्य, अहिंसा, और आत्म-नियंत्रण पर जोर। | नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की चर्चा नहीं होती। |
ध्यान (Meditation) | आत्म-साक्षात्कार और उच्च चेतना प्राप्त करने के लिए। | केवल मानसिक तनाव कम करने के लिए। |
समाधि (Spiritual Liberation) | मोक्ष और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने का अंतिम लक्ष्य। | समाधि की अवधारणा नहीं, केवल विश्राम और शांति पर ध्यान। |
योग का उपयोग | जीवन को संतुलित और अनुशासित करने के लिए। | मुख्य रूप से फिटनेस, थेरेपी, और तनाव प्रबंधन के लिए। |
📜 “अहिंसा सत्यास्तेय ब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः।” (योग सूत्र 2.30)
✔ यम पाँच सामाजिक और नैतिक मूल्यों का समूह है:
📜 “शौचसंतोषतपःस्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि नियमाः।” (योग सूत्र 2.32)
✔ नियम पाँच व्यक्तिगत आचार-विचार हैं:
📜 “स्थिरसुखमासनम्।” (योग सूत्र 2.46)
✔ आसन शरीर को स्थिर, स्वस्थ और संतुलित रखते हैं। आज पीठ दर्द, मोटापा, उच्च रक्तचाप, और मधुमेह जैसी समस्याओं का समाधान योगासन द्वारा संभव है।
📜 “तस्मिन सति श्वासप्रश्वासयोर्गतिविच्छेदः प्राणायामः।” (योग सूत्र 2.49)
✔ प्राणायाम विभिन्न श्वसन तकनीकों का अभ्यास है, जिससे शरीर और मन की ऊर्जा संतुलित होती है। प्राणायाम से मन भी स्थिर होना प्रारंभ हो जाता है
✔ यह तनाव, चिंता, अवसाद, अनिद्रा और श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
✔ इसका अर्थ है बाहरी भोगों से ध्यान हटाकर अंतर्मुखी बनना।
✔ सोशल मीडिया, डिजिटल डिस्ट्रैक्शन और अत्यधिक उपभोक्तावाद से बचने के लिए यह बहुत उपयोगी है।
✔ धारणा का अर्थ है एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना।
✔ यह एकाग्रता, मानसिक शक्ति और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक है।
📜 श्लोक:
“तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम्।”
(योग सूत्र 3.2)
✔ ध्यान मन को शांत करने और आत्मज्ञान प्राप्त करने की विधि है।
✔ यह मानसिक तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी समस्याओं में कारगर है।
✔ समाधि की अवस्था में व्यक्ति अहंकार और भौतिकता से मुक्त होकर परम आनंद प्राप्त करता है।
✔ यह स्वयं को जानने और आत्मसाक्षात्कार का अंतिम लक्ष्य है।
✔ अष्टांग योग पूर्ण योग प्रणाली है, जो न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है।
✔ आधुनिक योग मुख्य रूप से आसन और प्राणायाम तक सीमित रह गया है और इसे अधिकतर फिटनेस और तनाव प्रबंधन के लिए अपनाया जाता है।
✔ जो व्यक्ति आत्मिक उन्नति और संपूर्ण विकास चाहता है, उसे अष्टांग योग को अपनाना चाहिए।
✔ यदि केवल शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति चाहिए, तो आधुनिक योग भी लाभदायक हो सकता है। परंतु यह योग का वास्तविक स्वरूप बिल्कुल भी नहीं है
📜 अंतिम श्लोक:
“योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः।” (योग सूत्र 1.2)
अर्थ: योग मन की चंचलता को समाप्त करके उसे स्थिर करने की प्रक्रिया है।
👉 आपके अनुसार अष्टांग योग और आधुनिक योग में कौन अधिक प्रभावी है? हमें अपने विचार बताइए! 🙏✨