गृहस्थ आश्रम: आदर्श वैवाहिक जीवन के लिए वैदिक दृष्टिकोण
सनातन धर्म में मानव जीवन को चार आश्रमों में विभाजित किया गया है – ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। इनमें से गृहस्थ आश्रम सबसे महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यही आश्रम व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है। वैदिक दृष्टिकोण से गृहस्थ जीवन केवल पति-पत्नी के बीच का संबंध नहीं, बल्कि … Read more