आज जब दीपावली का पर्व आता है तो हर पंथ, हर सम्प्रदाय अपनी कल्पना के अनुसार कोई न कोई कथा जोड़ देता है।कोई कहता है — “श्रीरामचन्द्र जी आज के
आज जब दीपावली का पर्व आता है तो हर पंथ, हर सम्प्रदाय अपनी कल्पना के अनुसार कोई न कोई कथा जोड़ देता है।कोई कहता है — “श्रीरामचन्द्र जी आज के







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