ऋषि, महर्षि, देवर्षि, ब्रह्मर्षि और मुनि में अंतर – वैदिक दृष्टिकोण

महर्षि और ऋषि में अंतर

भारतीय वैदिक परंपरा में ज्ञान, तप और साधना के आधार पर ऋषियों को अलग-अलग श्रेणियों में बाँटा गया है। जब हम वेद, उपनिषद, दर्शन या महाकाव्य पढ़ते हैं तो अनेक बार सुनते हैं — ऋषि, महर्षि, देवर्षि, ब्रह्मर्षि, मुनि। आइए विस्तार से समझते हैं कि इन उपाधियों का वास्तविक अर्थ क्या है, इनका उत्पत्ति स्रोत … Read more

धर्म, अधर्म, आपद्धर्म और धर्म के 10 लक्षण

धर्म, अधर्म, आपद्धर्म और धर्म के 10 लक्षण

सनातन की नींव धर्म के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है।, जो मानव जीवन को सत्य, न्याय और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म, अधर्म और आपद्धर्म के परस्पर संबंध मानवता के कल्याण और समाज में संतुलन स्थापित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। धर्म को सत्य, न्याय, और कर्तव्य के पालन … Read more

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