आयुर्वेद के अनुसार सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार त्रिदोष – वात, पित्त, और कफ – के संतुलन में निहित है। चरक संहिता (सूत्रस्थान 1/57) में कहा गया है: “वायु: पित्तं कफश्चैव
आयुर्वेद के अनुसार सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार त्रिदोष – वात, पित्त, और कफ – के संतुलन में निहित है। चरक संहिता (सूत्रस्थान 1/57) में कहा गया है: “वायु: पित्तं कफश्चैव
आयुर्वेद (Ayurveda) भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसे “जीवन का विज्ञान” कहा जाता है। यह केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो मनुष्य के







Prof (Dr.) Rakesh Kumar Chak: Good information for quality of life.
Kautilya Nalinbhai Chhaya: ગુરુકુળ થી ભારત નિર્માણ શક્ય છે
Kautilya Nalinbhai Chhaya: We Will Implement this in Our Life
Kautilya Nalinbhai Chhaya: I Choose Niskam Karma Not Sanyas