सप्त लोकों का रहस्य: भौगोलिक भ्रम या चेतना का विज्ञान

सप्त लोकों का रहस्य: भौगोलिक भ्रम या चेतना का विज्ञान

भारतीय अध्यात्म में एक प्रश्न सदा से लोगों को उलझाता रहा है — “लोक” का अर्थ क्या है? क्या भूलोक, स्वर्लोक, महर्लोक जैसे लोक कोई आकाशीय ग्रह हैं? या ये आत्मा की चेतना की अवस्थाएँ हैं? सनातन ज्ञान लोकों को केवल भौगोलिक स्थान नहीं मानता।लोक का शाब्दिक अर्थ है — ‘लक्ष्य स्थान’, ‘स्थिति’ या ‘जगह’।पर … Read more

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