धर्म और राजनीति का संबंध : धर्मविहीन राजनीति के दुष्परिणाम – वैदिक दृष्टि से विश्लेषण

धर्मविहीन राजनीति के दुष्परिणाम

भारतवर्ष की राजनीति सदैव धर्म से पोषित रही है। ‘धर्म’ केवल पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि जीवन पद्धति और नीति का आधार है। जब राजनीति से धर्म अलग होता है, तब सत्ता स्वार्थ और भ्रष्टाचार का माध्यम बन जाती है। आज के भारत में यह विषय पहले से अधिक प्रासंगिक हो गया है। वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण, … Read more

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