संसार की सबसे रहस्यमयी अवधारणाओं में से एक है – माया। यह शब्द हर धार्मिक, दार्शनिक और आत्मबोध के मार्ग में सामने आता है। माया का अर्थ क्या है?क्या यह
संसार की सबसे रहस्यमयी अवधारणाओं में से एक है – माया। यह शब्द हर धार्मिक, दार्शनिक और आत्मबोध के मार्ग में सामने आता है। माया का अर्थ क्या है?क्या यह
आयुर्वेद के अनुसार सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार त्रिदोष – वात, पित्त, और कफ – के संतुलन में निहित है। चरक संहिता (सूत्रस्थान 1/57) में कहा गया है: “वायु: पित्तं कफश्चैव
भारतवर्ष की पहचान सदैव उसके ज्ञान और संस्कृति से रही है। इस पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखने में गुरु-शिष्य परंपरा का सबसे बड़ा योगदान है। सनातन धर्म में ज्ञान केवल
जन्म और मृत्यु, ये दोनों ही जीवन के ऐसे सत्य हैं जो प्रत्येक प्राणी के जीवन चक्र का हिस्सा हैं। वैदिक दृष्टिकोण के अनुसार, जन्म और मृत्यु केवल एक भौतिक
आज के युग में तनाव (Stress), चिंता (Anxiety) और डिप्रेशन (Depression) जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। नौकरी का दबाव, रिश्तों में असंतुलन, भविष्य की अनिश्चितता और सामाजिक अपेक्षाएं
सनातन धर्म, जो शाश्वत सत्य और प्रकृति के नियमों पर आधारित है, केवल धर्मग्रंथों तक सीमित नहीं है। यह एक पूर्ण जीवन दर्शन है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के
जब हम “विज्ञान” शब्द सुनते हैं, तो हमारे मन में आधुनिक लैब्स, रोबोट्स, स्पेस टेक्नोलॉजी, और इलेक्ट्रॉनिक्स का चित्र उभरता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि विज्ञान की
भगवद गीता सनातन धर्म के महानतम ग्रंथों में से एक है, जिसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन, कर्म और धर्म का गूढ़ ज्ञान प्रदान किया है। गीता में विभिन्न प्रकार
सृष्टि संवत, जिसे वैदिक कालगणना का आधार माना जाता है, भारतीय परंपरा में समय और प्रकृति के बीच सामंजस्य का एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह ब्रह्मांड की रचना
सनातन धर्म अत्यंत व्यापक और गूढ़ दर्शन से युक्त है, जिसमें साधना के अनेक मार्ग उपलब्ध हैं। हर व्यक्ति अपनी प्रवृत्ति, संस्कार, और जीवन-परिस्थितियों के अनुसार साधना का चयन करता
dr gajanan shankr narkar: thanks aacharya ji for sharing the eternal knowledge..
Manoj kumar jangir: बहुत सुन्दर
Durga Charan Gagrai: इस संसार में पुरुषार्थ मनुष्य जीवन है
Amar Nath Sharma: Very nice