आचार्य दीपक घोष

आचार्य दीपक एक प्रतिष्ठित लेखक, समाज सुधारक एवं वैदिक विद्वान हैं। वे सनातन धर्म, वेद, उपनिषद और गीता के गहन अध्ययन एवं अनुसंधान के माध्यम से धर्म, संस्कृति और समाज को जागरूक बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी लेखनी तार्किक, वैज्ञानिक और शास्त्र आधारित होती है, जो प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करती है। उनके लेख एवं पुस्तकें समाज में नैतिकता, धर्म और मूल्यों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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आयुर्वेद: वैदिक चिकित्सा पद्धति और आधुनिक विज्ञान

आयुर्वेद (Ayurveda) भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसे “जीवन का विज्ञान” कहा जाता है। यह केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो मनुष्य के

पंचमहाभूत: प्रकृति और मानव शरीर का संबंध

सनातन धर्म और आयुर्वेद में “पंचमहाभूत” का विशेष महत्व है। पंचमहाभूत—आकाश, वायु, अग्नि, जल, और पृथ्वी—सृष्टि के निर्माण के मूल तत्त्व हैं। इन तत्त्वों से न केवल यह ब्रह्मांड बना

जन्म और मृत्यु का रहस्य एक वैदिक दृष्टिकोण

जन्म और मृत्यु, ये दोनों ही जीवन के ऐसे सत्य हैं जो प्रत्येक प्राणी के जीवन चक्र का हिस्सा हैं। वैदिक दृष्टिकोण के अनुसार, जन्म और मृत्यु केवल एक भौतिक

गोत्र वैदिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

“गोत्र” भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन तत्त्व है। यह केवल वंश या पितृसत्ता की पहचान नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरी वैदिक और वैज्ञानिक अवधारणाएँ भी छिपी

समुद्र मंथन जीवन के उतार-चढ़ाव का प्रतीक

सनातन धर्म के ब्राह्मण ग्रंथ में समुद्र मंथन एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसे केवल देवताओं और असुरों के संघर्ष और सहयोग का वर्णन करने वाली कथा के रूप में नहीं

शंबूक वध का सत्य श्री राम पर उठे प्रश्नों का वैदिक और तार्किक उत्तर

श्री रामचंद्र जी महाराज को मर्यादा पुरुषोत्तम और धर्म के आदर्श प्रतीक के रूप में सदियों से पूजा जाता रहा है। लेकिन कुछ विधर्मी और नास्तिक विचारधारा के लोग उन

धर्म, अधर्म, आपद्धर्म और धर्म के 10 लक्षण

सनातन की नींव धर्म के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है।, जो मानव जीवन को सत्य, न्याय और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म, अधर्म और आपद्धर्म

संक्रांति खगोलीय दृष्टिकोण से एक वैज्ञानिक अध्ययन

संक्रांति (Solstice और Equinox) एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो पृथ्वी, सूर्य और ब्रह्मांड के आपसी संबंधों को उजागर करती है। आज इसे प्रायः मकर संक्रांति के रूप में पहचाना

कर्म, विकर्म, अकर्म, और निष्काम कर्म का वैदिक सिद्धांत

सनातन धर्म का आधार कर्म सिद्धांत है। यह ब्रह्मांडीय सत्य है कि हर क्रिया का परिणाम होता है। वैदिक ग्रंथों और भगवद गीता में कर्म, विकर्म, अकर्म, और निष्काम कर्म

शस्त्र एवं शास्त्र और सनातन धर्म: एक व्यावहारिक दृष्टिकोण

सनातन धर्म, जो शाश्वत सत्य और प्रकृति के नियमों पर आधारित है, केवल धर्मग्रंथों तक सीमित नहीं है। यह एक पूर्ण जीवन दर्शन है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के

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