आयुर्वेद (Ayurveda) भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसे “जीवन का विज्ञान” कहा जाता है। यह केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो मनुष्य के
आयुर्वेद (Ayurveda) भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसे “जीवन का विज्ञान” कहा जाता है। यह केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो मनुष्य के
सनातन धर्म और आयुर्वेद में “पंचमहाभूत” का विशेष महत्व है। पंचमहाभूत—आकाश, वायु, अग्नि, जल, और पृथ्वी—सृष्टि के निर्माण के मूल तत्त्व हैं। इन तत्त्वों से न केवल यह ब्रह्मांड बना
जन्म और मृत्यु, ये दोनों ही जीवन के ऐसे सत्य हैं जो प्रत्येक प्राणी के जीवन चक्र का हिस्सा हैं। वैदिक दृष्टिकोण के अनुसार, जन्म और मृत्यु केवल एक भौतिक
“गोत्र” भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन तत्त्व है। यह केवल वंश या पितृसत्ता की पहचान नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरी वैदिक और वैज्ञानिक अवधारणाएँ भी छिपी
सनातन धर्म के ब्राह्मण ग्रंथ में समुद्र मंथन एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसे केवल देवताओं और असुरों के संघर्ष और सहयोग का वर्णन करने वाली कथा के रूप में नहीं
श्री रामचंद्र जी महाराज को मर्यादा पुरुषोत्तम और धर्म के आदर्श प्रतीक के रूप में सदियों से पूजा जाता रहा है। लेकिन कुछ विधर्मी और नास्तिक विचारधारा के लोग उन
सनातन की नींव धर्म के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है।, जो मानव जीवन को सत्य, न्याय और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म, अधर्म और आपद्धर्म
संक्रांति (Solstice और Equinox) एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो पृथ्वी, सूर्य और ब्रह्मांड के आपसी संबंधों को उजागर करती है। आज इसे प्रायः मकर संक्रांति के रूप में पहचाना
सनातन धर्म का आधार कर्म सिद्धांत है। यह ब्रह्मांडीय सत्य है कि हर क्रिया का परिणाम होता है। वैदिक ग्रंथों और भगवद गीता में कर्म, विकर्म, अकर्म, और निष्काम कर्म
सनातन धर्म, जो शाश्वत सत्य और प्रकृति के नियमों पर आधारित है, केवल धर्मग्रंथों तक सीमित नहीं है। यह एक पूर्ण जीवन दर्शन है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के
Manoj kumar jangir: बहुत सुन्दर
Durga Charan Gagrai: इस संसार में पुरुषार्थ मनुष्य जीवन है
Amar Nath Sharma: Very nice
Kalpesh M Bhatia: I’m so happy to see that you are giving best knowledge of Shastra and Veda in true form