आचार्य दीपक
आचार्य दीपक एक प्रख्यात लेखक, समाज सुधारक और वैदिक विद्वान हैं। वे स्थितप्रज्ञ संस्थान के संस्थापक हैं, जो वैदिक ज्ञान, नैतिकता और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है।
आधुनिक शिक्षा में उन्होंने बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (कंप्यूटर साइंस) की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात, उन्होंने 10 वर्षों तक वेद, उपनिषद, भगवद गीता, मनुस्मृति और शास्त्रों का गहन अध्ययन एवं स्वाध्याय किया। उनकी इस साधना ने उन्हें सनातन धर्म और भारतीय दर्शन के गूढ़ रहस्यों को समझने और समाज को दिशा देने में सक्षम बनाया।
आचार्य दीपक की लेखनी तार्किक, वैज्ञानिक और शास्त्र आधारित है। वे प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करते हुए नैतिकता, धर्म और समाज सुधार की दिशा में कार्यरत हैं। उनकी रचनाएँ और प्रवचन युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक रूप से सशक्त और समाज को नैतिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक हैं।
“Vediksanatangyan.com” का उद्देश्य सनातन धर्म, वैदिक ज्ञान, भारतीय संस्कृति, और प्राचीन शास्त्रों की अमूल्य शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाना है। यह ब्लॉग एक प्रयास है कि हम हमारी आध्यात्मिक विरासत को समझें, उसका अनुसरण करें, और आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत कराएँ।
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🙏 जय सनातन धर्म! 🙏